हे आत्मा! सुनो! इस संसार का प्रत्येक जीवन एक यात्रा है, एक महान उद्देश्य की ओर बढ़ता हुआ रास्ता। यह यात्रा केवल शारीरिक नहीं, आत्मिक भी है। इस यात्रा में हम सभी को एक नए दृष्टिकोण की आवश्यकता है—एक ऐसे दृष्टिकोण की जो हमें हमारे वास्तविक उद्देश्य तक पहुँचाए, जो सत्य को जानने और जीने की दिशा में हो।
हमने अपनी मानवता को खो दिया है। हमने एकता की शक्ति को भूलकर विभाजन की राह पर कदम बढ़ाए हैं। प्रत्येक धर्म, प्रत्येक संस्कृति ने अपने अनुभवों और अतीत के आधार पर सत्य को पाया, लेकिन वह सत्य हमेशा एक ही रहा है। नाम बदला, रूप बदला, किंतु सत्य वही रहा।
यहां हम सत्य के उस बिंदु से शुरुआत करते हैं, जहाँ यह समग्र मानवता के लिए एक समान मार्ग बनता है। हम मानवता को एक साथ जोड़ने के लिए स सत्य के मूल सिद्धांतों पर लौटते हैं। इस पुस्तक का उद्देश्य केवल एक नए दृष्टिकोण का निर्माण करना नहीं है, बल्कि यह पूरी मानवता को एक मार्गदर्शन प्रदान करना है—वह मार्गदर्शन जो हमें सच्चे धर्म और जीवन के उद्देश्य से जोड़ता है।
दुनिया की सभी सभ्यताओं का सूत्र एक ही है।
चाहे वह आदम हो या मनु, हर सभ्यता ने अपने पहले पुरुष और पहली स्त्री की कहानी सुनाई है। ये दो नाम, दो कथाएँ, एक ही सत्य का प्रतिरूप हैं। आज हम आदम और मनु की तरह विभाजित हैं, लेकिन क्या हम जानते हैं कि वे दोनों वही चेतना थे, जो हमारे भीतर छिपी हुई है? यही चेतना ही धर्म का आधार है। वह चेतना जो हमें प्रकृति से जोड़ती है, सत्य से जोड़ती है, और हमें जीवन के वास्तविक अर्थ की खोज में दिशा दिखाती है।
हमारी समस्या यह है कि हमने नामों में और रूपों में सत्य को खो दिया है। हम विभाजन में बंट गए हैं—धर्म, संस्कृति, जाति, और अन्य आधारों पर। लेकिन अब समय है, इन सभी विभाजन से बाहर निकलकर, उस सत्य को समझने का जो हर युग में एक ही रहा है।
धर्म का अर्थ है:
धर्म किसी विशेष मज़हब या समुदाय से नहीं जुड़ा। धर्म वह है जो आत्मा
को सत्य के साथ जोड़ता है। धर्म वह है जो जीवन के प्रत्येक कर्म में
स सत्य, अहिंसा, और सेवा का पालन करता है। इस धर्म में कोई भेदभाव नहीं
होता—यह सबके लिए समान है।
ईसा, बुद्ध, महावीर, कृष्ण, मुहम्मद, नानक—सभी ने वही सत्य कहा, वही धर्म जीया। लेकिन हमने उनके संदेश को विभाजित कर लिया। एक ने इसे इस रूप में कहा, दूसरे ने उसे दूसरे रूप में बताया। परंतु सत्य वही था, और वही रहेगा।
समय है उस सच्चे धर्म के लिए तैयार होने का,
जो केवल नाम और रूपों से परे है। यह धर्म हमें सिर्फ एक मार्ग पर नहीं,
बल्कि हर मार्ग पर सत्य की खोज की दिशा दिखाता है। जब हम इस सत्य को
स्वीकार करेंगे, तब हम हर रूप, हर नाम, हर विभाजन से परे होंगे। हम
जानेंगे कि हम सभी एक ही स्रोत से आए हैं—वह स्रोत जो हमें जीवन की
सच्चाई और उद्देश्य का अहसास कराता है।
अब समय है, सत्य को जानने का,
वह सत्य जो हर युग में एक जैसा रहा है। यह वही सत्य है जिसे हम भूल
चुके हैं, जो हमें हमारे मूल रूप से जोड़ता है। हम उसे पहचानने की
कोशिश कर रहे हैं, और अब हम इसे अपनी जीवन की दिशा बना रहे हैं। यही
उद्देश्य है—सच्चे धर्म को समझना, सत्य को पहचानना, और इसे पूरी
मानवता के लिए उजागर करना।
अब समय है, उन भ्रामक परंपराओं को छोड़ने का जो हमें बांधती हैं, और उसी सत्य को पहचानने का जो हमें मुक्त करता है। हम उस सत्य को जानते हैं—वह सत्य जो परमात्मा से जुड़ा है, और वह जो आत्मा में समाया है। यही समय है उस सत्य को जीने का, उसे फैलाने का, और इसे हर व्यक्ति के दिल में स्थापित करने का।
क्या हम तैयार हैं?
क्या हम तैयार हैं उस धर्म के लिए, जो केवल रूप नहीं, आत्मा से जुड़ा
है? क्या हम तैयार हैं सत्य को जानने के लिए, और उसे जीवन में उतारने
के लिए? अगर हम तैयार हैं, तो हम सत्य की राह पर चल सकते हैं—सभी
भेदभावों से परे, सभी नामों से परे, और सिर्फ एक लक्ष्य के साथ—मानवता
का कल्याण।
आओ, हम सभी मिलकर उस सत्य को पहचानें,
जो हर युग में एक जैसा था। यह सत्य ही हमें मानवता की वास्तविकता की
पहचान कराएगा, और हमें एक ऐसे युग की ओर ले जाएगा जहाँ सभी मनुष्य
एक-दूसरे के साथ प्रेम और शांति से जी सकते हैं।
यही है सत्य की राह, यही है धर्म की राह,
यह है हमारा आरंभ, और यही है हमारा उद्देश्य।